पुस्तक ‘Equanimity And Economics’ का भव्य विमोचन, सांसद डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा— अर्थशास्त्र में हो अध्यात्म का समावेश
नई दिल्ली। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित एक गरिमामय कार्यक्रम में प्रसिद्ध चार्टर्ड अकाउंटेंट कमलकांत जैन द्वारा लिखित पुस्तक ‘Equanimity And Economics’ का विमोचन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा ने पुस्तक का विमोचन किया और कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय अर्थ-दृष्टिकोण और अध्यात्म की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला।
डॉ. शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि वसुधैव कुटुंबकम की भावना को अर्थ-प्रबंधन में आत्मसात करना आज की आवश्यकता है। यह पुस्तक न केवल एक आर्थिक दस्तावेज है, बल्कि यह एकात्म मानववाद के सिद्धांतों की व्यावहारिक व्याख्या भी करती है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सदैव अध्यात्म से जुड़ी रही है और यह पुस्तक उसी परंपरा को आगे बढ़ाती है।
‘सर्वे भवंतु सुखिनः’ की अवधारणा को चरितार्थ करती है पुस्तक
सांसद शर्मा ने कहा कि पुस्तक Equanimity And Economics में भारतीय और पाश्चात्य धन-प्रबंधन के दृष्टिकोणों की तुलनात्मक विवेचना की गई है। लेखक ने स्पष्ट किया है कि धन जरूरी है, लेकिन वही अंतिम सत्य नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से पाठकों को आर्थिक संतुलन, सामाजिक जिम्मेदारी और पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश दिया गया है।
पुस्तक के पाँच अध्यायों में जीवन-दर्शन और अर्थशास्त्र का समन्वय
उन्होंने बताया कि पुस्तक को पाँच अध्यायों में विभाजित किया गया है और इसकी संरचना इस तरह की गई है कि पाठक इसे सहजता से समझ सकें। खास बात यह है कि लेखक ने इस पुस्तक को अपनी माता जी को समर्पित किया है, जो इसके भावनात्मक पक्ष को दर्शाता है। पुस्तक का सार यही है कि सभी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए संतुलित जीवन जिया जाए।
सांसद की अपील— सभी पढ़ें यह पुस्तक
डॉ. शर्मा ने सभी नागरिकों से इस पुस्तक को पढ़ने की अपील करते हुए कहा कि इससे जीवन में अर्थ-प्रबंधन के व्यावहारिक गुर सीखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक केवल अर्थशास्त्र की नहीं, बल्कि भारतीय जीवन-दर्शन, अध्यात्म और मानवीय मूल्यों की भी पुस्तक है।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने बढ़ाया कार्यक्रम का गौरव
इस कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित हस्तियां उपस्थित रहीं जिनमें न्यायमूर्ति डॉ. डी.के. अरोड़ा, आईएएस संजीव मित्तल, नितिन गोकर्ण, संजीव अरोड़ा, डॉ. तनु जैन, बलविंदर कुमार, पंजाब रेरा के चेयरमैन राकेश गोयल, पूर्व सांसद डॉ. संजय पासवान और पूर्व विधायक कृष्णा सिंह सिरोही प्रमुख रहे।
यह आयोजन भारतीय अर्थ और अध्यात्म को एक साथ देखने की एक सार्थक पहल के रूप में याद किया जाएगा।