चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की कामदा एकादशी को कामना पूरी करने वाली एकादशी के रूप में जाना जाता है। ऐसे में इस दिन किये गए कुछ उपाय बेहद लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं।

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी कामदा एकादशी कहलाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से हर कामना पूरी होती है। इसके साथ ही अगर इस दिन कुछ उपाय किए जाएं तो वह भी लाभकारी माने जाते हैं।
मान्यता है कि कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु का स्मरण करके इन उपायों को आजमाने से हर इच्छा पूरी होती है और व्यक्ति को भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। तो चलिए ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ संजय आर शास्त्री जी से जानते हैं इन उपायों के बारे में।
कामदा एकादशी 2023 के उपाय
- कामदा एकादशी के दिन पीपल के पेड़ को जल अर्पित करें। 11 बार परिक्रमा (मंदिर की परिक्रमा लगाने का महत्व) लगाएं और कच्चे सूत को हर एक परिक्रमा के साथ पीपल से बांधते चलें। इससे कर्ज का बोझ उतर जाएगा।

- पीपल के पांच पत्ते लें और उस पर हल्दी से स्वास्तिक बनाकर भगवान विष्णु को अर्पित करें। इससे व्यापार में बढ़ौतरी होगी और धन लाभ के आसार भी शीघ्र बनते नजर आएंगे।
- कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के ‘ऊं नमो भगवते नारायणाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें और हर मंत्र जाप पर 1 गेंदे का फूल भगवान विष्णु को अर्पित करें। इससे नौकरी की बाधा दूर होगी।
- पीले रंग के कपड़े में सात हल्दी की गांठ बांधकर भगवान विष्णु को अर्पित करें। फिर उस गांठ वाले कपड़े को तिजोरी में रख दें इससे आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और धन वृद्धि के योग भी बनेंगे।
- भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए मंदिर में रखे शंख में जल भरें और पूरे घर में छिड़काव करें। साथ ही, शंख में जल भरकर तुलसी के पौय्धे में भी डालें। इससे पारिवारिक कलह दूर होगी।
- प्रेत योनी से अपने पितरों को मुक्ति दिलाने के लिए कामदा एकादशी के दिन कामदा एकादशी की कथा अवश्य पढ़ें और भगवान विष्णु को पितरों की मुत्की की कामना से मीठे पकान अर्पित करें।
- भगवान विष्णु के भोग में तुलसी दल डालकर ही भोग लगाएं और शाम के समय तुलसी के पौधे के आगे दीपक (घर में दीपक जलाने का महत्व) जलाएं। इससे घर में सकारात्मकता का संचार होगा और नकारात्मकता दूर होगी।

- तुलसी को माता माना गया है। ऐसे में तुलसी के पौधे को लाल चुनरी उढ़ाकर उनकी विष्णु पत्नी के रूप में पूजा करें। इससे विवाह में आ रही बाधा दूर होगी और जल्दी विवाह के योग बनेंगे।