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इस राशि लोगों को भूलकर भी नहीं लगाना चाहिए लाल तिलक, दुर्भाग्य में बदल जाएगा सौभाग्य *आइए जानते हैं एस्ट्रोलॉजर 11:11आचार्य मिनी

हिंदू धर्म में मार्थ पर तिलक लगाने का विशेष महत्व है और अक्सर लोग पूजा के बाद या घर से बाहर निकलते समय माथे पर तिलक अवश्य लगाते हैं. मान्यता है कि

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हिंदू धर्म में मार्थ पर तिलक लगाने का विशेष महत्व है और अक्सर लोग पूजा के बाद या घर से बाहर निकलते समय माथे पर तिलक अवश्य लगाते हैं. मान्यता है कि तिलक लगाने से एकाग्रता आती है और सकारात्मकता आती है. यह भी कहा जाता है कि माथे पर तिलक लगाने से कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति भी शांत हो जाती है और मनुष्य के विचारों में सात्विकता आती है. लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ लोगों के लिए लाल रंग का तिलक सौभाग्य की जगह दुर्भाग्य लेकर आता है. आइए जानते हैं किन लोगों को नहीं लगाना चाहिए लाल रंग का तिलक. लाल तिलक से ग्रहों का संबंध
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रंगों का सीधा संबंध हमारी कुंडल में मौजूद ग्रहों से होता है. ग्रहों की स्थिति जीवन पर अच्छा व बुरा प्रभाव डालती है और इसलिए हमें सुख-दुख झेलने पड़ते हैं. ज्योतिष में लाल रंग का सीधा संबंध मंगल ग्रह से बताया गया है और लाल रंग सबसे शक्तिशाली व प्रभावशाली होता है. मंगल ग्रह की तरह ही लाल रंग को भी उत्तेजना और क्रोध का प्रतिनिधि माना गया है.

ये लोग न लगाएं लाल तिक
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह को मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह माना गया है. स्वामित्व राशियों पर ग्रहों का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है और मंगल ग्रह का रंग लाल होता है. इसलिए मेष और वृश्चिक राशि वालों के लिए लाल रंग शुभ होता है. लेकिन अगर इन राशि के जातकों की कुंडली में मंगल नीच और अशुभ भाव में हो तो इनमें क्रोध की वृद्धि होती है. इसलिए इनके लिए लाल रंग शुभी नहीं होता. इन राशि के लोगों को लाल रंग का तिलक लगाने से हमेशा बचना चाहिए. साथ ही ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि शनि के स्वामित्व वाली राशियों यानि मकर और कुंभ राशि क जातकों के लिए भी लाल रंग अशुभ होता है. क्योंकि शनि और मंगल ग्रह में शत्रुता का भाव है और शनि का प्रिय रंग काला है. इसलिए शनि को लाल रंग से नफरत होती है.

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