अक्षय तृतीया का पर्व इस वर्ष 22 अप्रैल को मनाया जा रहा है और इस दिन से जुड़ी ढेरों मान्‍यताएं हैं। खासतौर पर इस पर्व पर पर देवी लक्ष्‍मी और भगवान विष्‍णु की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान विष्‍णु के पशुराम अवतार का जन्‍म हुआ था।

वहीं दूसरी तरफ देवी गंगा भी इस दिन स्‍वर्ग लोक से पृथ्‍वी लोक में अवतरित हुई थीं। इसलिए यह दिन अपने आप में कई कारणों से महत्‍वपूर्ण हो जाता है। आपको बता दें कि इस दिन को इतना अधिक शुभ माना गया है दिन का हर प्रहर इस पर्व पर अच्‍छा माना गया है। इसलिए इस दिन आप कोई भी कार्य करें उसके परिणाम शुभ होंगे।

ऐसे में इस दिन देवी लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं। हमने भी पंडित डॉ संजय आर शास्त्री जी से इस विषय में बात की और जाना कि देवी लक्ष्‍मी को अक्षय तृतिया पर खुश करने के लिए क्‍या-क्‍या करना चाहिए।

पंडित डॉ संजय आर शास्त्री जी कहते हैं, ‘इस दिन लक्ष्‍मी नारायण की पूजा की जाती है। ऐसे में देवी लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए आप उनकी और भगवान विष्‍ण के पसंद की चीजें अर्पित करेंगे तो उससे आपको बहुत सारे फायदे होंगे।’

 

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नारियल अर्पित करें

नारियल को श्रीफल कहा जाता है। देवी लक्ष्‍मी को यह अति प्रिय है और ऐसी मान्‍यता है कि भगवान विष्‍णु की किसी भी पूजा को श्रीफल के बिना नहीं किया जाता है क्‍योंकि इसके बिना उनकी पूजा अधूरी होती है।

इसलिए पानी वाला नारियल आपको इस दिन श्री लक्ष्‍मीनारायण की पूजा में जरूर रखना चाहिए। पूजा के बाद आपको श्रीफल को फोड़ कर उसके पानी को पहले घर भर में छिड़कना चाहिए और खुदभी ग्रहण करना चाहिए।

शुभ धातुओं की पूजा

इस दिन आप सोना, चांदी, पीतल और तांबे जैसी शुभ धातुओं को खरीद कर घर ला सकती हैं और उसकी पूजा कर सकती हैं। आपको बता दें कि अक्षय तृतिया के दिन बहुत से लोग लोहा खरीदने से डरते हैं, मगर यह दिन इतना शुभ होता है कि अगर आप इस दिल लोहा भी खरीदती हैं तो आपको उससे कोई नुकसान नहीं होगा। हालांकि, इस दिन पीले या सफेद रंग की धातुओं को खरीदना अधिक शुभ होता है।

 

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कमल का फूल चढ़ाएं

कमल का फूल देवी लक्ष्‍मी को अति प्रिय है। इस फूल पर उनका वास भी होता है और जगत पिता नारायण इस फूल को अस्‍त्र की तरह धारण करते हैं। ऐसे में आपको लक्ष्‍मी जी के प्रिय कमल के फूल को उन्‍हें अर्पित करना चाहिए और हो सके तो घर के मख्‍य द्वार पर आपको यह फूल पानी के पात्र में करके रखना चाहिए। ऐसा करने से देवी लक्ष्‍मी आपके घर पर जरूर वास करने के लिए आएंगी।

शंख से स्‍नान कराएं

शंख में भी देवी लक्ष्‍मी का वास होता है। यदि आप इस दिन देवी लक्ष्‍मी और भगवान विष्‍णु को शंख से स्‍नान कराएंगे तो आपको इससे बहुत अच्‍छे फल प्राप्‍त होंगे। शंख से आप न केवल जलाभिषेक करें बल्कि पांच चीजों जैसे दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से श्रीलक्ष्‍मीनारायण को स्‍नान कराएं। इस मिश्रण से पंचामृत तैयार होगा और फिर आप उसे प्रसाद के तौर पर ग्रहण कर सकते हैं।

लाल वस्‍त्र चढ़ाएं

देवी लक्ष्‍मी को इस दिन लाल वस्‍त्र और सुहाग की पूरी सामग्री जरूर अर्पित करें। ऐसा करने से देवी लक्ष्‍मी आप पर प्रसन्‍न होंगी और आपकी हर मनोकामना भी पूर्ण करेंगी।