ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान हाथ में कलावा बांधने से माता दुर्गा की कृपा दृष्टि सदैव बनी रहती है, लेकिन इसे बांधने के नियमों के बारे में जा
ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान हाथ में कलावा बांधने से माता दुर्गा की कृपा दृष्टि सदैव बनी रहती है, लेकिन इसे बांधने के नियमों के बारे में जान लेना भी जरूरी है।
किसी भी पूजा-पाठ या हवन के बाद हाथों में कलावा बांधना हिन्दू धर्म की एक मुख्य प्रथा है। नवरात्रि में भी पूजन और हवन के बाद हाथों में कलावा बांधा जाता है और इसे बहुत शुभ भी माना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि इसे हाथों में बांधने से माता दुर्गा आपकी सदैव रक्षा करती हैं और आपकी मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है। कलावा को ज्योतिष में रक्षा सूत्र भी कहा जाता है क्योंकि ये विभिन्न समस्याओं से हमारी रक्षा करता है।
यह एक पवित्र धागा होता है, इसलिए इसे हाथों में पहनने और हटाने के लिए भी कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं जिन्हें आपको जरूर जानना चाहिए जिससे घर की खुशहाली बनी रहे। आइए ज्योतिर्विद पं डॉ संजय आर शास्त्री जी से जानें नवरात्रि में कलावा बांधने के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
नया कलावा बांधने से पहले पुराना हटा देना चाहिए
अगर आप चैत्र नवरात्रि के दौरान हाथों में कलावा बांध रही हैं तो इस बात पर जरूर ध्यान दें कि आपको पुराना कलावा हटाकर ही नया बांधना चाहिए। अक्सर लोग नया कलावा बांधते हैं लेकिन पुराने को हटाते नहीं हैं जो आपके लिए शुभ नहीं है।
नवरात्रि या किसी भी अवसर पर इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। आपको इस बात का भी ध्यान देना चाहिए कि नवरात्रि में लाल या पीले रंग का ही कलावा बांधें। ये रंग माता को प्रिय हैं और इस रंग के कलावे से आपकी रक्षा होती है।
मंत्रों के उच्चारण के बाद ही बांधें कलावा
नवरात्रि में यदि आप कलावा बांध रही हैं तो इसे कुछ विशेष मंत्रों के साथ ही बंधवाना चाहिए। जिससे उसका शुभ फल मिल सके। यदि संभव हो तो नवमी तिथि के दिन हवन के बाद पंडित से मंत्रों के साथ की कलावा बंधवाएं जो आपके लिए शुभ होगा।
इस दिन कलावा बांधना होता है शुभ
शास्त्रों की मानें तो यदि आप पुराना कलावा हटा रही हैं तो आपको इसे मंगलवार और शनिवार के दिन ही हाथ से हटाना चाहिए। हालांकि नवरात्रि के दौरान हर एक दिन शुभ होता है, इसलिए आप किसी भी दिन पुराना कलावा हटाकर नया धारण कर सकती हैं। कलावा बांधने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
स्त्री और पुरुष के लिए अलग नियम
कलावा हमेशा स्त्री और पुरुष दोनों के अलग-अलग हाथों में बांधा जाता है। ज्योतिष में कलावा पुरुषों को अपने दाहिने हाथ में और विवाहित महिलाओं को बाएं हाथ में बांधने की सलाह दी जाती है।
ऐसा माना जाता है कि विवाहित महिलाएं यदि बाएं हाथों में कलावा बांधती हैं तो उनके जीवनसाथी के लिए भी शुभ फल मिलते हैं और माता दुर्गा की कृपा बनी रहती है। वहीं कुँवारी लड़कियों को कलावा हमेशा दाहिने हाथ में ही बांधने की सलाह दी जाती है।
किस तरह बांधें कलावा
जिस हाथ में कलावा बांधा जा रहा है उसमें मुट्ठी बांधें और अपना दूसरा हाथ सिर पर रखें और कलावा को तीन बार ही लपेटना शुभ माना जाता है। इसके साथ कलावा बांधने वाले व्यक्ति के साथ मंत्रों को ध्यान से सुनें और माता का ध्यान करते हुए ही कलावा बंधवाएं।
पुराने कलावा का क्या करें
अगर आप नवरात्रि में नया कलावा बांधने जा रही हैं तो आपको ध्यान रखना है कि आप पुराने कलावा को हटाकर किसी ऐसे स्थान पर रखें जहां किसी का पैर न पड़े। आप पुराना कलावा हटाकर किसी पेड़ के नीचे रख सकती हैं।
कलावा बांधने का महत्व
ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान कलावा बांधने से जीवन के कई खतरों से आपकी रक्षा होती है। हाथ में कलावा बांधने से त्रिदेवों और तीनों महा देवियों की कृपा दृष्टि प्राप्त होती है। महालक्ष्मी की कृपा से धन की प्राप्ति होती है, महासरस्वती की कृपा से ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है और महाकाली की कृपा से शक्ति की प्राप्ति होती है।
इसलिए किसी भी नवरात्रि के दौरान कलावा बांधने से आपको कई समस्याओं से बाहर निकलने का रास्ता मिल सकता है।
यदि आप चैत्र नवरात्रि के दौरान हाथ में कलावा बांध रही हैं तो यहां बताए नियमों का पालन जरूर करें, जिससे माता दुर्गा की कृपा दृष्टि बनी रहे।
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