हिन्दू धर्म में ग्रहण का अत्यधिक महत्व है। वहीं, ज्योतिष में भी चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण का विशेष स्थान है। साल 2023 में पहला सूर्य ग्रहण अप्रैल के महीने में लगने जा रहा है। 20 अप्रैल, दिन गुरुवार को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य को ग्रहण लगाने का कार्य राहु का होता है। चूंकि राहु को पाप ग्रह माना जाता है इसलिए सूर्य को ग्रहण लगने से लेकर ग्रहण हटने तक के बीच के समय में बहुत सावधानी बरतने की बात शास्त्रों में कही गई है। साथ ही, इस दौरान पूजा-पाठ का भी बहुत महत्व है।

ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ संजय आर शास्त्री जी का कहना है कि ग्रहण के दौरान भले की नियमित पूजा करना निषेध होता है लेकिन विशेष अनुष्ठान या पाठ करने से शुभ फल मिलता है। ऐसे में अगर सूर्य ग्रहण के दिन राहु स्तोत्र का पाठ किया जाए तो इससे राहु का दुष्प्रभाव या ग्रहण का बुरा असर व्यक्ति पर नहीं पड़ता है।

राहु स्तोत्र का पाठ

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राहुर्दानवमंत्री च सिंहिकाचित्तनन्दन:। अर्धकाय: सदा क्रोधी चन्द्रादित्य विमर्दन: ।।1।।

रौद्रो रूद्रप्रियो दैत्य: स्वर्भानु र्भानुभीतिद:। ग्रहराज सुधापायी राकातिथ्यभिलाषुक: ।।2।।

कालदृष्टि: कालरूप: श्री कण्ठह्रदयाश्रय:। बिधुंतुद: सैंहिकेयो घोररूपो महाबल: ।।3।।

 

ग्रहपीड़ाकरो दंष्टो रक्तनेत्रो महोदर:। पंचविंशति नामानि स्म्रत्वा राहुं सदानर: ।।4।।

य: पठेन्महती पीड़ा तस्य नश्यति केवलम्। आरोग्यं पुत्रमतुलां श्रियं धान्यं पशूंस्तथा ।।5।।

ददाति राहुस्तस्मै य: पठेत स्तोत्र मुत्तमम्। सततं पठेत यस्तु जीवेद्वर्षशतं नर: ।।6।।

राहु स्तोत्र पाठ के लाभ

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  • ज्योतिष शास्त्र में माना गया है कि जिसकी कुंडली में राहु कमजोर हो उसे राहु (राहु को मजबूत करने के उपाय) स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
  • सूर्य ग्रहण के दौरान खास तौर से 11 बार संकल्प के साथ राहु स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए।
  • सूर्य ग्रहण के दिन राहु स्तोत्र का पाठ करने से राहु कि दशा कुंडली में सुधरती है।
  • सूर्य ग्रहण के दिन राहु स्तोत्र का पाठ करने से राहु शुभ परिणाम दिखाने लगता है।
  • सूर्य ग्रहण के दिन राहु स्तोत्र का पाठ करने से राहु का दुष्प्रभाव कम होता जाता है।
  • सूर्य ग्रहण के दिन राहु स्तोत्र का पाठ करने से ग्रहण का बुरा असर भी व्यक्ति पर नहीं पड़ता है।