योगी सरकार और बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद अब स्वामी प्रसाद मौर्य सुर्खियों में हैं। इसके पीछे दो कारण है पहला बीजेपी के प्रति उनका बदला हुआ तेवर और
योगी सरकार और बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद अब स्वामी प्रसाद मौर्य सुर्खियों में हैं। इसके पीछे दो कारण है पहला बीजेपी के प्रति उनका बदला हुआ तेवर और दूसरा है कि बीजेपी छोड़ने के कुछ घंटे बाद ही उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट का जारी होना। साल 2014 में स्वामी प्रसाद मौर्य के एक विवादित बयान के आरोप में कोर्ट ने संज्ञान में लिया है। अब इस पर जमकर राजनीति हो रही है। सपा नेता और बीजेपी विरोधी इसे योगी सरकार की बौखलाहट कह रहे हैं।
पूर्व IAS ने बोला योगी सरकार पर हमला: मौर्य के खिलाफ जारी हुए अरेस्ट वारंट को लेकर विपक्ष बीजेपी पर हमलावर है। वहीं पूर्व आईएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्विटर पर मौर्य के खिलाफ जारी अरेस्ट वारंट पर कहा कि सिंधियां छोड़ रहे थे तो ‘उसूलों पर आंच’ आयी थी, मौर्य छोड़ रहे हैं तो ‘न्यायिक जांच’ आयी है। एक अन्य ट्वीट में पूर्व आईपीएस ने मौर्य के अरेस्ट वारंट पर बीजेपी सरकार को घेरते हुए कहा था कि अब तो लोकतांत्रिक होने का नाटक भी नहीं करना है, तानाशाही खुलेआम। जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। वहीं योगी सरकार पर एफआईआर सरकार का तंज कसते हुए कहा कि FIR सरकार के आखिरी कुछ दिन बचे हैं।
समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा ने श्री स्वामी प्रसाद मौर्य का ‘अरेस्ट वारंट’ नहीं, अपनी सरकार का ‘डेथ वारंट’ जारी किया है। सोशल मीडिया पर आम लोग भी बीजेपी छोड़ते ही मौर्य के खिलाफ जारी हुए अरेस्ट वारेंट पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
प्रदुमन यादव लिखते हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य और श्री दारा सिंह चौहान के इस्तीफों ने यूपी में भाजपा की कमर तोड़ दी है। योगी सरकार के जुल्म और ज्यादती से आजिज अन्य मंत्रियों और विधायकों से भी आमजन को ऐसी ही उम्मीद है। वहीं एक अन्य यूजर पंकज रावत ने ट्विटर पर अपनी प्रतिकिया देते हुए लिखा कि अब इसको क्या कहेंगे। 2014 से 2022 आ गया। जब तक मंत्री जी बीजेपी में थे, तब तक उनको किसी ने कोई नोटिस नहीं भेजा और आज जब नेता जी ने बीजेपी छोड़ दी तो कोर्ट का नोटिस आ गया।इसके अलावा भास्कर यादव का कहना है कि इतनी ताबड़तोड़ बैटिंग अखिलेश यादव को नहीं करनी चाहिए। उत्तर प्रदेश में भाजपा का रोना हमसे देखा नहीं जा रहा है। जबकि पुष्पेन्द्र वाल्मीकि का कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य को गिरफ्तार करने की भूल योगी सरकार नहीं करेगी। अगर स्वामी गिरफ्तार हुए, तो और ज्यादा पॉपुलर हो जाएंगे। उनकी मौर्य जाति की सिम्पैथी उनके साथ हो जाएगी और चुनाव में भाजपा का राम नाम सत्य है हो जाएगा।
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